भारत में हर त्योहार का एक विशेष अर्थ और महत्व होता है। धनतेरस, जिसे धनत्रयोदशी भी कहा जाता है, दीवाली की शुरुआत का प्रतीक है। यह दिन धन, स्वास्थ्य और समृद्धि के स्वागत का पर्व है।

🪔 धनतेरस का अर्थ और नाम की उत्पत्ति
“धनतेरस” दो शब्दों से मिलकर बना है —
‘धन’ अर्थात संपत्ति और ‘तेरस’ अर्थात कार्तिक मास की त्रयोदशी तिथि।
यह दिन कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को मनाया जाता है और दीवाली से दो दिन पहले आता है।
🌼 धनतेरस का धार्मिक महत्व
हिंदू मान्यताओं के अनुसार, इस दिन समुद्र मंथन के दौरान धन्वंतरि भगवान प्रकट हुए थे।
वे अपने हाथों में अमृत कलश लेकर आए थे, इसलिए उन्हें आयुर्वेद और स्वास्थ्य के देवता कहा जाता है।
इस कारण इस दिन को स्वास्थ्य की सुरक्षा और धन की वृद्धि के लिए शुभ माना जाता है।
🛍️ धनतेरस पर खरीदारी का महत्व
धनतेरस के दिन सोना, चांदी, बर्तन या नई चीज़ें खरीदना अत्यंत शुभ माना जाता है।
ऐसा विश्वास है कि इस दिन खरीदी गई वस्तुएँ घर में सौभाग्य और समृद्धि लेकर आती हैं।
आजकल लोग इलेक्ट्रॉनिक वस्तुएँ, वाहन, या नए व्यवसाय की शुरुआत भी इसी दिन करते हैं।
🌿 धन्वंतरि पूजा और आरोग्य का प्रतीक
इस दिन लोग भगवान धन्वंतरि की पूजा करते हैं और स्वास्थ्य, दीर्घायु और सुख-शांति की कामना करते हैं।
आयुर्वेद के चिकित्सक और स्वास्थ्य कर्मी इस दिन को अपने “आयुर्वेद दिवस” के रूप में भी मनाते हैं।
✨ धनतेरस पर दीपदान का महत्व
धनतेरस की रात यमराज के नाम से दीपदान करने की परंपरा भी है।
कहा जाता है कि इस दिन दीप जलाने से अकाल मृत्यु के भय से मुक्ति मिलती है।
घर के मुख्य द्वार पर दीपक जलाकर सुरक्षा और शुभता का संदेश दिया जाता है।
🌸 धनतेरस का संदेश
धनतेरस केवल धन अर्जित करने का पर्व नहीं, बल्कि यह हमें स्वास्थ्य, संतुलन और सकारात्मक सोच का महत्व सिखाता है।
सच्ची समृद्धि वही है जिसमें शारीरिक स्वास्थ्य, मानसिक शांति और पारिवारिक सुख शामिल हो।
🪔 अंतिम विचार
इस धनतेरस,
👉 सिर्फ़ सोना-चाँदी ही नहीं,
👉 अपने जीवन में सकारात्मकता और सेहत भी जोड़ें।
आप सभी को धनतेरस की हार्दिक शुभकामनाएँ!
🌟 “स्वस्थ तन में ही समृद्ध मन बसता है।” 🌟